आज हम आपको लेकर आए हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ़ जर्मन बिज़नेस 2024 से, जहाँ उन्होंने भारत और जर्मनी के बीच व्यापारिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने के लिए महत्वपूर्ण विचार रखे। आइए सुनते हैं पीएम मोदी के इस ऐतिहासिक भाषण को!
एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ़ जर्मन बिज़नेस 2024 में उपस्थित सभी महानुभावों को मेरा प्रणाम। जर्मनी की भूमि पर आकर आप सबसे मिलना मेरे लिए बहुत ही गर्व और प्रसन्नता का क्षण है। मैं सबसे पहले जर्मनी के नेतृत्व और यहां के उद्यमियों को उनके सतत प्रयासों और विश्वास के लिए बधाई देता हूँ।
भारत और जर्मनी के संबंध केवल व्यापार तक सीमित नहीं हैं। यह एक ऐसा बंधन है, जो विश्वास, सहयोग और समान दृष्टिकोण पर आधारित है। हम दोनों देश एक दूसरे के कंधे से कंधा मिलाकर एक समृद्ध और टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। यह साझेदारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम एक साझा उद्देश्य के लिए काम कर रहे हैं – मानवता की भलाई और वैश्विक समृद्धि के लिए।
PM Modi's Vision for India-Germany Ties at Asia-Pacific 2024 |
साझा विकास की ओर कदम
भारत आज तेज़ गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। चाहे वह डिजिटल क्रांति हो, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हो, या फिर ग्रीन एनर्जी में निवेश हो, हर क्षेत्र में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है। और मुझे गर्व है कि जर्मनी इस यात्रा में भारत का एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
मैं यह कहते हुए खुशी महसूस कर रहा हूँ कि हाल के वर्षों में हमने भारत और जर्मनी के बीच व्यापार और निवेश के क्षेत्र में एक नई ऊँचाई देखी है। विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल्स, ऊर्जा, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच एक सुदृढ़ गठबंधन बना है।
मेक इन इंडिया’ से लेकर ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ तक
भारत में वर्तमान में जो आर्थिक सुधार हो रहे हैं, उनका उद्देश्य केवल भारत को विकसित करना नहीं है, बल्कि भारत को दुनिया का उत्पादन केंद्र बनाना है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, और अब हम ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
जर्मनी के उद्यमियों और उद्योगपतियों से मैं यह कहना चाहूँगा कि भारत एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ आप अपने विचारों को हकीकत में बदल सकते हैं। यहाँ आप न केवल आर्थिक लाभ कमा सकते हैं, बल्कि भारत के युवा और प्रतिभाशाली लोगों के साथ मिलकर नई टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को बढ़ावा भी दे सकते हैं।
सतत विकास और ग्रीन एनर्जी में सहयोग
भारत और जर्मनी दोनों देश पर्यावरण के संरक्षण के प्रति समान रूप से संवेदनशील हैं। जलवायु परिवर्तन और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में हमारा सहयोग आज से नहीं, बल्कि लंबे समय से जारी है। हम सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जल संरक्षण जैसे क्षेत्रों में एक साथ काम कर रहे हैं। यह सहयोग केवल हमारे देशों को नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को एक स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण देने का लक्ष्य रखता है।
भारत ने 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। और मुझे विश्वास है कि जर्मनी के साथ हमारी इस साझेदारी से हम इस लक्ष्य को समय से पहले ही प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए हम आपकी विशेषज्ञता और तकनीकी सहयोग की सराहना करते हैं।
डिजिटल इंडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आज का युग डिजिटल है, और इस क्षेत्र में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अद्वितीय प्रगति की है। हमारे डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने करोड़ों लोगों को कनेक्ट किया है और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया है। जर्मनी भी इस क्षेत्र में उन्नत है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंडस्ट्री 4.0 के क्षेत्र में भारत और जर्मनी मिलकर नई ऊँचाइयों को छू सकते हैं।
इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से, मैं जर्मन कंपनियों से आग्रह करता हूँ कि वे भारत के इस डिजिटल परिवर्तन का हिस्सा बनें और हमारे युवाओं को प्रशिक्षित करने, नई टेक्नोलॉजी लाने में सहायता करें।
सुरक्षा और व्यापारिक स्थिरता का वादा
आज के समय में व्यापारिक स्थिरता एक महत्वपूर्ण पहलू है। भारत ने इसके लिए अपने कानूनों में सुधार किए हैं और एक सुरक्षित व्यापारिक माहौल तैयार किया है। हमने कर व्यवस्था में सुधार, श्रम कानूनों में बदलाव, और नई निवेश नीति लागू की है, जिससे हमारे विदेशी निवेशक सुरक्षित महसूस कर सकें।
अंतिम शब्द
मुझे विश्वास है कि भारत और जर्मनी के बीच यह साझेदारी एक नई दिशा की ओर बढ़ेगी। आप सब से मेरी यही अपील है कि इस ऐतिहासिक अवसर का लाभ उठाएँ और भारत में निवेश करें।
हमारा उद्देश्य केवल व्यापारिक लाभ नहीं है, बल्कि एक समृद्ध, सशक्त और सतत भविष्य का निर्माण करना है। मुझे पूरा भरोसा है कि भारत और जर्मनी की ये साझेदारी आने वाले वर्षों में कई सफलताएँ हासिल करेगी।
धन्यवाद!
जैसा हम कहते हैं - वसुधैव कुटुम्बकम् – अर्थात् पूरा विश्व एक परिवार है। इसी भावना के साथ चलें और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ाएँ।
धन्यवाद, और नमस्कार।
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