निबंध : गुरु ही जीवन है
गुरु दो अक्षरों से मिलकर बना है गु अक्षर अंधकार का प्रतीक है। रु रू अक्षर उसका निरोधक- निवारक है। अज्ञान के अंधकार का निरोधक होने के कारण है गुरु कहा जाता है। आज जो भी इंसान जो भी व्यक्ति जो भी महान लोग सफल हो पाए हैं जिस प्रकार उनकी मेहनत है कि उससे कई ज्यादा गुरु की मेहनत होती है क्योंकि एक गुरु ही हमें सही मार्गदर्शन, सही क्या है गलत क्या है यह हमें गुरु ही सिखाते हैं इसीलिए गुरु एक ईश्वर के रूप में पूजे जाते हैं।
जिस प्रकार प्रति वर्ष की तरह डॉ राधाकृष्णन के जन्मदिन पर 5 सितंबर को हम सभी शिक्षक दिवस मनाते हैं, डॉक्टर राधाकृष्ण के विचार से शिक्षा का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, स्वार्थी पन से यह कार्य नहीं हो सकता है शिक्षा का आदर्श जितना ही उच्च होगा शिष्यों को उसकी प्राप्ति की प्रेरणा देने का उत्तरदायित्व उतना ही बढ़ जाएगा।
जो शिक्षा एवं गुरु को नहीं समझते हैं उनका जीवन अंधकार से परिपूर्ण हो जाता है, गुरु की महत्वता को हमें हमेशा समझने की आवश्यकता है केवल 5 सितंबर को गुरु को सम्मान देना नहीं होता है , माता पिता ने केवल हम इस दुनिया को दिखाया है लेकिन जीवन की सच पथ पर चलना जीवन के हर मुसीबतों से लड़ना जीवन में संघर्ष करना जीवन में सपने को सच करके दिखाना यह में गुरु ही सिखाते हैं तो हम सभी को हम सभी को गुरु की महत्वता को जरूर से जरूर समझने की आवश्यकता है और हम जरूर समझेंगे लेकिन हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि जिस प्रकार जिस प्रकार हमारे लिए ऑक्सीजन, भोजन जरूरी है ठीक उसी प्रकार हमें अपने जीवन में सबसे जरूरी प्राथमिकता शिक्षा एवं गुरु को देना चाहिए।
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धन्यवाद : काजल साह :स्वरचित
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