Bhor Lo Uraan || Kar Lo Ashmaan || Speech by Kajal Sah || Kolkata ||©Provided by Bodopress/Kajal Sah |
Watch video on YouTube here: https://youtu.be/ctOk8xkV8L0
एक नया दिन
---------------
काजल साह / कविता
---------------
कदम रुकते नहीं मेरे
मंजिल की ओर बढ़ते समय
सांसे थमती नहीं मेरी
कोशिश करते समय
गिरती हूं, भटकती हूं
झुकती हूं, खोजती हूं
पर हिम्मत नहीं टूट पाती है मेरी
सपना झुक नहीं पाता है मेरा
ताने मिलते हैं मुझे
सारे दर्द सह लेती हूं
बाद में मैं ही गलत कहलाती हूं
लोगों का कहना है -
कोयला नहीं बन सकता है हीरा
रगड़ा है जिसने खुद को
वो बन जाता है कुदरत का हीरा
मेहनत करना है तबतक
जबतक कि
पा ना लूं उस मंजिल को
हौसला तोड़ेंगे लोग
पर हिम्मत बुलंद होगी मेरी
पा लूंगी उस मंजिल को
अपने संघर्ष से
और तब होगा ...
एक नया दिन।
Post a Comment
Thanks for messaging us. If you have any doubts. Please let me know.