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jhansi ki rani: निकल पड़ी थी एक नारी, हाथो में तलवार लिए घोड़े पर सवार

jhansi ki rani: निकल पड़ी थी एक नारी, हाथो में तलवार लिए  घोड़े पर सवार . Lakshmi Bai was rani (queen) of Jhansi. During the Indian Mutiny of 1857–58, she rapidly organized her troops and assumed charge of the rebels in the Bundelkhand region.

jhansi ki rani: निकल पड़ी थी एक नारी, हाथो में तलवार लिए  घोड़े पर सवार
jhansi ki rani: निकल पड़ी थी एक नारी, हाथो में तलवार लिए  घोड़े पर सवार : ©Provided by Bodopress/Kajal Sah 

jhansi ki rani: निकल पड़ी थी एक नारी, हाथो में तलवार लिए  घोड़े पर सवार

कविता - झाँसी की रानी (jhansi ki rani)

 काजल साह - स्वरचित


***झाँसी की रानी***

निकल पड़ी थी,एक नारी

नए जोश के साथ

हाथो में तलवार लिए

घोड़े पर सवार

दिल में आस निकली

दुश्मन को देने मात

आई लाख मुसीबत

ना घबराई झांसी की रानी

नहीं समझा कभी खुद को कमजोर

और कभी नहीं खोया साहस

आया लाख मुसीबत  तो भी

डटकर किया सामना

और मिटा दिया सारे शत्रुओं को

फिर नए जोश से लौटी

ऐसे थीइस देश की

झांसी की रानी। jhansi ki rani.

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धन्यवाद - काजल साह - स्वरचित

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