28 May 2021: The creation of human beings is a nation, a nation that takes on the right deeds of life, nor does caste discriminate - no differences in religion, human evolution,ना जाति करता भेद -ना कोई धर्म में मतभेद,
human evolution,ना जाति करता भेद -ना कोई धर्म में मतभेद,©Provided by Bodopress/Kajal Sah |
कविता : राष्ट्रीवाद
काजल साह : स्वचित
****राष्ट्रीवाद****
मानव का निर्माण राष्ट्र है
जीवन के सही कर्मो पर ले जाता राष्ट्र है
ना जाति करता भेद
ना कोई धर्म में मतभेद
सारे धर्म को अपनाता
यही हमारा राष्ट्रीवाद कहलाता
घृणा, नफरत, ईर्ष्या
यह कभी नहीं सीखलाता
एकता के बंधनों में रहने का
पाठ पढ़वाता।
राष्ट्र के वीर सीमा
पर लड़ते है
अपने प्राण की आहुती देकर
अपने राष्ट्र को एक बार फिर से
लहू से पवित्र बनाते है
अपने लहू को लहू ना समझते है
अपने लहू को पानी की धार की तरह बहा देते है
नहीं डरते है वो कभी
सीमा पर
राष्ट्र के लिए अपने प्राण को भी
न्योछावर कर देते है
और राष्ट्रीवाद का सही
अर्थ बता देते है।
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धन्यवाद :काजल साह : स्वचित
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