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हाथों में त्रिशूल लेकर शेर पर सवार होकर कोरोना हराईगी माँ हमारी

 

हाथों में त्रिशूल लेकर  शेर पर सवार होकर कोरोना हराई गी माँ हमारी
हाथों में त्रिशूल लेकर  शेर पर सवार होकर कोरोना हराई गी माँ हमारी:©Provided by Bodopress/Kajal Shah

हाथों में त्रिशूल लेकर  शेर पर सवार होकर कोरोना हराई गी माँ हमारी
काजल

कविता : कोरोना हराईगी माँ हमारी 

काजल साह : मौलिक

18 May 2021

***कोरोना हराईगी माँ हमारी ***

फिर आ गई हमारी दुर्गा माँ

नौ श्रृंगार करके, राक्षसों का वध करके

फिर नया रूप लेकर आ गई दुर्गा माँ

आया है दुनिया में एक राक्षस कोरोना के रूप में

माँ फिर इसे मिटाएगी

नये रूप में।


हाथों में त्रिशूल लेकर

शेर पर सवार होकर

बुरे राक्षसों को मिटाने

नये रूप में आई है दुर्गा माँ हमारी

माँ ने जिस तरह किया है

बुरे का अंत, माँ फिर करेंगी

कोरना का अंत

साथ निभाना है हमें माँ के साथ

कोरोना भी मिटेगा

नवरात्री का रंग भी खिलेगा।


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